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अपनी उस 'टीस' का समाधान पाएं जिसकी वजह से आपकी फाइनेंशियल स्थिति अच्छी होने के बावजूद भी आप पैसों के मामले में तंग रहते हैं।
अगर आप पे-चेक से पे-चेक तक जी रहे हैं तो आपको इस बात की टेंशन हो सकती है कि आपके पैसे खत्म हो जाएंगे।
अपनी फाइनेंशियल स्टेट के कारण खुद को असहाय महसूस करने पर आपने यह 'टीस' कई बार महसूस की होगी।
यह बिल्कुल नार्मल बात है। यहां तक कि धनवान लोग भी यह मान सकते हैं कि उनकी जीवनशैली में सुधार से उनके भविष्य पर असर पड़ेगा।
लेकिन क्या आप अपनी फाइनेंशियल सिचुएशन अच्छी होने के बावजूद लगातार टूटा हुआ महसूस करते हैं? क्या आपकी यह 'टीस' कभी नहीं जाती? आपको ऐसा लगता है कि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है?
अगर ऐसा है तो अफ़सोस आप कभी भी इस प्रेशर से पूरी तरह मुक्त नहीं होंगे क्योंकि यह मानव स्वभाव में निहित है।
पैसा खर्च करने के डर का कोई एक अचूक समाधान नहीं है लेकिन आप समय के साथ इसको कम कर सकते हैं। अमीर लोगों की ये 8 फाइनेंशियल टिप्स आपको पैसे के बारे में अपना नज़रिया बदलने में मदद कर सकती हैं।
आइए पहले इस डर को समझें जिसमें पैसे होते हुए भी पैसों की तंगी महसूस होती है। जो लोग इस डर से पीड़ित हैं वे इस बात से चिंतित रहते हैं कि कहीं वे अपने पैसों को मिसमैनेज न कर बैठें।
उन्हें ऐसा भी लग सकता है और जैसा कि अक्सर कहा भी जाता है, कि पैसा उन्हें बुरा न बना दे। उन्हें तनाव और चिंता सताती है जो उनके स्वास्थ्य, नींद और रिश्तों को प्रभावित कर सकती है।
आप अपनी अत्यधिक लागत के बारे में सोचे बिना अच्छा खासा कमा लेते हैं, लेकिन फिर भी महीने के अंत तक जब आपके पास कुछ भी नहीं बचता है तो ऐसे में कुछ कमी सी महसूस होती है।
तो समस्या क्या है? अगर आपके पास बहुत सारा पैसा है तो आपकी फाइनेंशियल स्थिति आपकी अपेक्षानुसार क्यों नहीं रह रही?
कई खर्च संबंधी मुद्दे होते हैं जो शुरुआत में छोटे होते हैं लेकिन समय के साथ बढ़ते जाते हैं क्योंकि हम उन पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते हैं।
जब हमारे पास बहुत सारा पैसा होता है, तो हमारे पास समझदारी से बजट बनाने या अपनी ख़रीदारी के बारे में सोचने की संभावना कम होती है। यहीं से समस्या शुरु होती है।
सिर्फ इसलिए कि अभी की गई ख़रीदारी से हमें तुरंत कोई फर्क नहीं पड़ता, इसका मतलब यह नहीं कि आगे चलकर हमें कोई दुख नहीं होगा।
महीने के आखिर में पैसों के नहीं बचने का कारण आज की बेफ़िज़ूल ख़रीदारी है। अपने खर्चे की निगरानी रखें और कुछ खरीदते समय अपने आप से पूछें "क्या मुझे वाकई इसकी ज़रूरत है?"
आप जानते हैं कि हमारी इच्छाओं और ज़रूरतों के बीच अंतर करने के लिए प्रभावी बजट बनाना कितना ज़रूरी है। लेकिन जब हम डिज़ायर या इच्छाओं के अधीन हो जाते हैं, तो वे ज़रूरतों की तरह महसूस होने लगती हैं।
इच्छा का ज़रूरत में तब्दील होना आदत की ताकत कहा जा सकता है। कोई चीज जो पहले आपकी चाहत थी जब आपकी दिनचर्या में शामिल हो जाती है तो आपकी ज़रूरत बन जाती है। जैसे कि ₹300 की स्टारबक्स कॉफ़ी खरीदने की आदत।
यह पहली बार में एक समस्या की तरह नहीं लगेगी लेकिन एक बार जब यह एक दैनिक आदत बन जाती है तो आपको इस खराब फाइनेंशियल हैबिट को ठीक करना होगा।
जब आप औसत से अधिक आय अर्जित करते हैं तो वित्तीय पैमाने की आपकी धारणा में बदलाव आ सकता है। यह शायद आर्थिक रूप से सिक्योर होने का एकमात्र नेगेटिव पहलू है।
ऐसे में आप अपग्रेडेड डिज़ाइनर बैग और ड्रेस के साथ एक नई कार या बाइक खरीदने से पहले दो बार नहीं सोचते क्योंकि आपको लगता है कि आप इन्हें खरीद सकते हैं।
अगर आप अफ़ोर्ड कर सकते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि आप कुछ भी खरीद सकते हैं या कोई भी शौक़ पूरा कर सकते हैं। आपके पास पैसा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अधिक खर्च करना चाहिए।
भले ही आप इन्हें अफ़ोर्ड करने में सक्षम हों, लेकिन कुछ समय बाद आप खुद को इन सुविधाओं पर बहुत अधिक निर्भर पा सकते हैं, जो कि आर्थिक रूप से आपको चूस रही हैं।
बड़ी तस्वीर देख सकने की क्षमता ही सहायक होती है। माना कि एक टॉप-ऑफ-द-लाइन कार आपकी पहुंच के भीतर आती है, लेकिन उस पैसे को और कहां खर्च किया जा सकता है?
यह पता लगाने की कोशिश करें कि आपकी फाइनेंशियल प्रियॉरिटी क्या हैं। जब आप पैसा खर्च कर रहे हों तो खुद का मार्गदर्शन और पैसों की बचत करने के लिए अपनी प्रियॉरिटी के बारे में विचार करें।
अधिकतर फाइनेंशियल मुद्दे यहां आकर खत्म होते हैं: "मैं यहां हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे वहां होना चाहिए।" आखिरकार, अगर आपको लगता है कि चीज़ें जैसी हैं वैसी ही ठीक हैं तो इसमे कोई समस्या नहीं है, है ना?
क्या होगा अगर आपको पता नहीं है कि दरअसल "वहां" कैसा दिखता है? क्या होगा अगर आप पहले से जानते हैं कि "यहां" से काम नहीं चलने वाला? यह एक बहुत ही आम समस्या है।
जब आपके पास कोई प्लान नहीं होता है तो पॉजिटिव चेंज लाना बेहद मुश्किल होता है, और जब आपके पास कोई लक्ष्य न हो तो एक अच्छी स्ट्रेटेजी बनाना ज़्यादा मुश्किल होता है।
अगर आप अटका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो संभव है कि आप यह नहीं जानते कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं।
एक मासिक बजट बनाएं और अधिक भुगतान या इसके बारे में सोचने से बचने के लिए उस पर टिके रहें।
बजट आपको जीवन की ज़रूरतों को नकारे बिना अपने खर्चों पर नज़र रखने की अनुमति देता है।
फ्री में बजट बनाने में आपकी मदद करने के लिए ढेर सारे ऑनलाइन टूल और मोबाइल एप उपलब्ध हैं।
आपके सभी एकाउंट में होने वाली मौजूदा मौद्रिक लेनदेन के बारे में सभी जानकारी आपके बजट में शामिल की जानी चाहिए।
ऐसे कई टूल और सॉफ़्टवेयर हैं जो आपको अपने खर्चे को वर्गीकृत करने और यह निर्धारित करने की अनुमति देते हैं कि आपको कहां कटौती करने की ज़रूरत है।
अगर आपके पास कोई बजट योजना नहीं होगी तो यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है कि आपका पैसा कहां जा रहा है और इसे जाने से कैसे रोका जा सकता है।
बड़े अप्रत्याशित बिलों के मामले में एक इमरजेंसी फंड आपकी सहायता कर सकता है। आपको अपने इमरजेंसी फंड में कम से कम छह महीने तक खुद को संभाल सकने के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता है।
दुर्घटनाएं, डिलेड पेमेंट या कार का खराब हो जाना, आपको कभी नहीं पता होता है कि आपको कब अर्जेंट फंड की आवश्यकता पड़ सकती है। अनचाही मुसीबतों के लिए हमेशा तैयार रहें।
इमरजेंसी फंड के लिए बनाए गए एक अलग अकाउंट में ज़रूरतों और करों के भुगतान के बाद बचे सभी अतिरिक्त धन को स्टॉक करें। यह इमरजेंसी के दौरान स्मूथ कैश फ्लो सुनिश्चित करेगा।
आप अपनी वास्तविक इनकम और न्यूनतम आवश्यकता के बीच के अंतर को अपने मेन अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। कैश रिच महीनों के दौरान बैलेंस बनाए रखें।
इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी और आप पूरी तरह से अपने पे-चेक पर निर्भर नहीं रहेंगे।
ज़्यादातर लोग अपने बिलों को लेकर चिंतित रहते हैं। अगर आप अपने सभी बिलों को ऑटोपे पर सेट करते हैं, तो आप अपने बैंक अकाउंट में लॉग इन करने या पैसे को छूने से बच सकते हैं।
अगर आप अपने बिलों का भुगतान ऑटोमैटिक रूप से करते हैं तो हो सकता है कि आप पैसे खर्च करने से न डरें। जब आपके ऊपर लोन होता है, तो ऑटोपे आदर्श होता है क्योंकि अधिकांश लोन का एक निश्चित मासिक भुगतान होता है।
अपने बिलों का ऑटोमैटिक रूप से भुगतान करके आप अपने दिमाग को उन चीजों पर केंद्रित करने के लिए मुक्त करते हैं जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि बजट बनाना और बचत करना।
जब आपकी पेमेंट देय होगी और जब यह प्राप्त हो जाएगी, तो अधिकांश बिज़नेस आपको एक ईमेल द्वारा इस बारे में सूचित कर देंगे। इसलिए आपको कभी भी अपने बैंक खाते की जांच करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
हमेशा क़र्ज़ से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में लोन की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि घर खरीदते समय।
जब आपको घर खरीदने, कॉलेज जाने, या बिज़नेस स्थापित करने की ज़रूरत होती है तो लोन मददगार साबित होता है।
लोन लेने से पहले सभी उपलब्ध ऑप्शन्स की तुलना करें। अगर आपको अच्छी लोन डील मिलती है, तो आपको इसे संभालना आसान हो जाएगा क्योंकि आपको ज़रूरत से ज़्यादा ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
एक बार जब आप लोन प्राप्त कर लेते हैं, तो आपको अपना लोन चुकाने के लिए एक स्ट्रेटेजी तैयार करनी होगी। एक प्लान की हुई स्ट्रेटेजी आपको अपने लोन का जल्द से जल्द भुगतान करने में सक्षम बनाएगी।
अगर आपके लोन दायित्वों के कारण आपकी अधिकांश आय खत्म हो जाती है, तो आपको अपना लोन चुकाने के लिए किसी अन्य ऑप्शन पर विचार करना चाहिए।
टारगेट निर्धारित करना बजट बनाने के समान है। यह आपको अधिक खर्च से बचने में मदद करता है और आपके पैसे और बचत को एक उद्देश्य देता है।
प्लान बनाने से चिंता भी कम होती है और आप ज़रूरी चीजों पर ध्यान लगा पाते हैं। आपके फाइनेंशियल टार्गेट्स को आपको यह क्लियर करना चाहिए कि आप कैसे अपना क़र्ज़ चुकाने और अपनी बचत में सुधार करने का प्लान बना रहे हैं।
प्लान बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि आप अपना भविष्य कैसा चाहते हैं और अपने गोल्स को पाने के लिए सही एक्शन लेने शुरू करें।
आइडियल स्पेंडिंग प्लान बनाने के लिए अपने पर्सनल सेविंग गोल्स, अपने रिटायरमेंट और अपने वेतन के बारे में सोचें।
सबसे ज़रूरी बात यह कि सदैव आभारी रहें। जब आप अच्छी तरह से चल रही चीजों के बजाय असफलताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप पर्याप्त आभारी नहीं होते हैं।
लेकिन इस बात का ध्यान रखें: आपके पास अपनी फाइनेंशियल स्थिति को बदलने की शक्ति है। ऐसा कर पाना आसान नहीं होगा लेकिन यह मुमकिन है।
ऐसे लोग जो आपसे कम समझदार हैं, उन्होंने भी अपने वित्त को व्यवस्थित किया है।
इसके अलावा, अगर आपके वित्त में गड़बड़ी है तब भी आप अधिक सुविधाओं और सुखों के साथ जीवन जीते हैं जिसकी कल्पना अधिकांश लोग नहीं कर सकते हैं। इसलिए आपके पास जो कुछ है उसके लिए हमेशा आभारी रहें।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक मैनुअल मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं या एक सीईओ के रूप में भारी वेतन अर्जित कर रहे हैं, पैसे की तंगी की यह भावना कभी भी मन मे घर कर सकती है।
यह भावना निम्न-आय और मध्यम वर्ग के लोगों में अधिक आम है, जो मानते हैं कि उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है। हालांकि यह सभी को प्रभावित करती है।
अगर आपका डर एक धूमिल फाइनेंशियल फ्यूचर से उपजा है, तो आप एक स्ट्रेटेजी स्थापित करके चीजों को बदल सकते हैं। डिजिटल गोल्ड में निवेश करके बचत करते हुए जार एप आपके पैसे को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।
अगर आपको पैसे का डर है जो अतीत के एक दर्दनाक अनुभव से उत्पन्न हुआ है, तो आपको पैसे खर्च करने के डर से आगे बढ़ने से पहले उस आघात को दूर करने की आवश्यकता हो सकती है। आपकी ऐसी सभी समस्याओं का समाधान उपलब्ध है।